लेखनी प्रतियोगिता -16-Jun-2023

सच कहा है किसी ने
लड़कियां बेवकूफ होती है।।

सुलाकर अपनों को राहत के बिस्तर पर
खुद बेचैनियों के बिस्तर पर सोती है।।

सच कहा है किसी ने
लड़कियां बेवकूफ होती है।।

लाती है सभी के चेहरे पर हंसी
मगर खुद चुप चुप कर रोती है।।

सच कहा है किसी ने
लड़कियां बेवकूफ होती है।।

खिलाकर सभी को बरकत का निवाला
मगर खुद सभी का उतरन खाती है।।

सच कहा है किसी ने
लड़कियां बेवकूफ होती है।।

तोड़ देती है या अपने ख्वाबों का शीशा
साथी के ख्वाबों में खोती है।।

सच कहा है किसी ने
लड़कियां बेवकूफ होती है।।

मां , बहन , बेटी , बीवी
इनकी ही दुआ का असर है
जो हमारी मेहनत रंग लाती है।।

सच कहा है किसी ने
लड़कियां बेवकूफ होती है।।

करती है हम सफर पर चाहतों की बारिश 
बदले में जिल्लत का सागर पाती है।।

सच कहा है किसी ने
लड़कियां बेवकूफ होती है।।

गुजार देती है एक ही के साथ
बाकायदा जिंदगी अपनी
मगर लड़कों को हर लड़की भाती है।।

सच कहा है किसी ने
लड़कियां बेवकूफ होती है।।

अपनों का ख्याल रखते रखते
खुद का ख्याल रखना भूल जाती है।।

सच कहा है किसी ने
लड़कियां बेवकूफ होती है।।

भर देती है हर एक की झोली खुशियों से
मगर खुद अश्कों का जाम पीती है।।

सच कहा है किसी ने
लड़कियां बेवकूफ होती है।।

अपनों की जिंदगी सवारते सवारते
खुद जीना भूल जाती है।।

सच कहा है किसी ने
लड़कियां बेवकूफ होती है।।

शौहर की मार , गालियां , ताने , नफरत को
अपने प्यार की माला में फिरोती है।।

सच कहा है किसी ने
लड़कियां बेवकूफ होती है।।

हमसफर की हर कमी हर खामी को
अपनी मोहब्बत के दामन में
छुपा लेती है।।

सच कहा है किसी ने
लड़कियां बेवकूफ होती है।।

मुस्ताक अली शायर।।

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7 Comments

सुन्दर अति सुन्दर

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धन्यवाद

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Abhinav ji

17-Jun-2023 08:20 AM

Nice 👍

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धन्यवाद

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Punam verma

17-Jun-2023 01:01 AM

Very nice

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धन्यवाद

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